टाटा पावर ने अपनी “सोलर गागर” पहल के तहत छत्तीसगढ़ में 600 से अधिक स्थानों पर छतों पर सौर ऊर्जा प्रणालियाँ स्थापित की हैं। यह पहल इस साल के मध्य में शुरू हुई थी और इसका आधिकारिक उद्घाटन हाल ही में हुआ, जब टाटा पावर के सीईओ प्रवीर सिन्हा और टीपीआरईएल के सीईओ दीपेश नंदा ने इसकी घोषणा की।
इस पहल का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक घर को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराना है। यह टाटा पावर की पूरे भारत में टिकाऊ ऊर्जा समाधान प्रदान करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। इस योजना के तहत, आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और अन्य परियोजनाओं में कुल 250 मेगावाट की क्षमता वाले 600 से अधिक प्रतिष्ठान स्थापित किए गए हैं। छत्तीसगढ़ को टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड (टीपीएसएसएल) की गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जा रहा है।
यह पहल राज्य के सभी 33 जिलों को कवर करेगी। इसके तहत, प्रधानमंत्री की “सूर्य घर योजना” के तहत निवासियों को सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिल रही है। इसमें 1 किलोवाट सिस्टम के लिए 30,000 रुपये, 2 किलोवाट सिस्टम के लिए 60,000 रुपये, और 3 से 10 किलोवाट के सिस्टम के लिए 78,000 रुपये की सहायता दी जा रही है। इस सब्सिडी का उद्देश्य सौर ऊर्जा को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है ताकि सभी घर बिना वित्तीय बोझ के नवीकरणीय ऊर्जा पर स्विच कर सकें।
कंपनी के अनुसार, टीपीआरईएल, जो टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड की सहायक कंपनी है, पहले से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केरल में सफलतापूर्वक छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित कर चुकी है। अब कंपनी इन राज्यों के बाद छत्तीसगढ़ में अपनी पहल को सफल बनाने की दिशा में काम कर रही है।
You may also like
-
केंद्र सरकार ने की दालों की कीमतों पर चिंता व्यक्त की
-
भारतीय सोशल नेटवर्क कू बंद हो रहा है क्योंकि खरीदारी की बातचीत विफल हो गई
-
रामलला के मंदिर में धार्मिक उत्सव: दर्शन के लिए कपाट खोले गए, भीड़ को काबू में करने के लिए तैनात 8 मजिस्ट्रेट्स
-
आईफोन 15 की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शुरू, लॉन्च समय समय पर संभावित
-
Retail Inflation Data: बड़ी राहत! 15 महीने के निचले स्तर पर आई महंगाई, इन उत्पादों के घटे दाम, देखें पूरी डिटेल