फॉक्सकॉन, ताइवान की एक विश्व प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर कंपनी ने तमिलनाडु, भारत में iPhone 15 की निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है। इसके साथ ही कंपनी ने चेन्नई के प्लांट में प्रोडक्शन लाइनों की वृद्धि भी की है। फॉक्सकॉन की एक और रिपोर्ट के मुताबिक, इस कंपनी की हैदराबाद स्थित इकोनॉमिक जोन में वायरलेस ईयरबड्स की निर्माण कार्यक्रम जल्द ही शुरू होने वाला है।
यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि अब भारत में नहीं सिर्फ iPhone की एसेम्बली हो रही है, बल्कि iPhone 15 के निर्माण की भी शुरुआत हो गई है। पिछले सालों में भारत में iPhone के निर्माण कार्य में वृद्धि देखी जा रही है और इससे ‘मेड इन इंडिया’ पहलु को बढ़ावा मिल रहा है।
इस बार का कदम खासतर सुनहरा है क्योंकि iPhone 15 की निर्माण शुरु होने से पहले ही यह निर्णय लिया गया है कि इन iPhone 15 को भारत से बाहर एक्सपोर्ट किया जाएगा। यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, iPhone 15 का लॉन्च सितंबर महीने में हो सकता है। यह नई सीरीज में कई विभिन्न फोन्स शामिल हो सकते हैं, जिनमें नवीनतम तकनीकी उन्नतियाँ और फीचर्स हो सकते हैं। वायरलेस चार्जिंग के लिए टाइप-C पोर्ट देने की संभावना है, जो कि उपयुक्तता में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।
इसमें यह भी बताया गया है कि एपल के साथ ही अन्य कंपनियाँ भी भारत में iPhone 15 के निर्माण कार्य में शामिल हो रही हैं। पेगाट्रॉन कॉर्प और विस्ट्रॉन-प्लांट भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं, और टाटा ग्रुप ने विस्ट्रॉन-प्लांट का अधिग्रहण किया है। इससे भारत में आईफोन 15 की उपस्थिति और भी मजबूत हो जाएगी।
आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग के मामूल्य ने भारत सरकार की उद्यमिता स्कीम (PLI) का भी हिस्सा बनाया है। इस स्कीम के तहत भारत सरकार ने आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया है, जिससे कंपनियों को उनके उत्पादन में इंसेंटिव मिल सके। इसके परिणामस्वरूप, अन्य देशों से अधिक कंपनियाँ भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा रही हैं और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल रही है।
चीन के साथ बढ़ते तनाव और कोरोना महामारी के परिणामस्वरूप, अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने चीन से अपनी निर्भरता को कम करने का प्रयास किया है। भारत ने इस समय में एक आकर्षक विकल्प प्रस्तुत किया है, जहाँ कंपनियों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन के लिए समर्थ मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है। इस प्रकार, भारत ने टेक्नोलॉजी सेक्टर में नई संभावनाओं की दिशा में कदम बढ़ाया है और आर्थिक मामलों में भी मजबूती दिखा रहा है।