कंगन भारतीय आभूषणों का एक प्रमुख अंग है

जो महिलाओं द्वारा हाथों में पहना जाता है। यह पारंपरिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण आभूषण है, जो खासकर विवाह और अन्य धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजनों में पहना जाता है। कंगन सोने, चांदी, या अन्य धातुओं से बनाए जाते हैं और इन पर खूबसूरत नक्काशी और डिजाइन की जाती है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं।

कंगन का महत्व:

  1. विवाह: भारतीय शादियों में कंगन का विशेष महत्व होता है। दुल्हन के श्रृंगार में कंगन एक आवश्यक हिस्सा होता है, और इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
  2. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व: हिंदू धर्म में कंगन को समृद्धि, खुशहाली और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। विभिन्न त्योहारों और पूजा में भी महिलाएं कंगन पहनती हैं।
  3. फैशन और शैली: आज के समय में कंगन सिर्फ पारंपरिक आभूषण नहीं हैं, बल्कि यह फैशन स्टेटमेंट भी बन गए हैं। आधुनिक डिजाइनों में सोने, चांदी, और कांच के कंगनों के साथ कई तरह के कंगन उपलब्ध हैं।

कंगन के प्रकार:

  • सोने के कंगन: पारंपरिक रूप से सबसे अधिक पहने जाने वाले कंगन, जो धन और संपत्ति का प्रतीक माने जाते हैं।
  • चूड़ी कंगन: पतले और कांच या प्लास्टिक से बने होते हैं, जो रंग-बिरंगे होते हैं और रोजमर्रा में पहने जाते हैं।
  • डिजाइनर कंगन: यह आधुनिक डिजाइनों और नक्काशी के साथ होते हैं, जो खास अवसरों पर पहने जाते हैं।

कंगन केवल एक आभूषण नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के लिए उनके सौंदर्य और पारंपरिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है।